Friday, March 13, 2015

चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri)

हिन्दू धर्म में माता दुर्गा को आदिशक्ति कहा जाता है। शक्तिदायिनी मां दुर्गा की आराधना के लिए साल के दो वर्ष बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। यह दो समय होते हैं चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्र। चैत्र नवरात्र चैत्र माह में मनाया जाता है। जबकि शारदीय नवरात्र आश्विन माह में मनाया जाता है।
चैत्र नवरात्र 2015
इस साल चैत्र नवरात्र 21 मार्च से शुरू होंगे और 29 मार्च को खत्म होंगे। चैत्र नवरात्र की मुख्य तिथियां निम्न हैं: 
21 मार्च 2015 (1st Day of Navratri): इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 28 मिनट से लेकर 07 बजकर 35 मिनट तक का है। नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। 
22 मार्च 2015 (2nd Day of Navratri): नवरात्र के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। 
23 मार्च 2015 (3rd Day of Navratri): नवरात्र के तीसरे दिन देवी दुर्गा के चन्द्रघंटा रूप की आराधना की जाती है। इस साल तृतीया और चतुर्थी दिवस एक होने के कारण 23 तारीख को ही माता के चौथे स्वरूप देवी कूष्मांडा जी की आराधना की जाएगी। 
24 मार्च 2015 (5th Day of Navratri): नवरात्र के पांचवें दिन भगवान कार्तिकेय की माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है। 
25 मार्च 2015 (6th Day of Navratri): नारदपुराण के अनुसार शुक्ल पक्ष यानि चैत्र नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए। 
26 मार्च 2015 (7th Day of Navratri): नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रिकी पूजा का विधान है। 
27 मार्च 2015 (8th Day of Navratri): नवरात्र के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन कई लोग कन्या पूजन भी करते हैं। 
28 मार्च 2015 (9th Day of Navratri): नौवें दिन भगवती के देवी सिद्धदात्रीस्वरूप का पूजन किया जाता है। सिद्धिदात्री की पूजा से नवरात्र में नवदुर्गा पूजा का अनुष्ठान पूर्ण हो जाता है। 
29 मार्च 2015: नवरात्र की दशमी को नवरात्रि का समापन हो जाता है। 



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