Wednesday, October 14, 2015

चित्रघण्टा देवी

नवरात्र के तीसरे दिन को देवी के चंद्रघण्टा स्वरूप के दर्शन-पूजन का विधान है। इन्हें चित्रघण्टा देवी भी कहते हैं। इनका मंदिर वाराणसी के ठठेरी बाजार के पास चित्रघंटा गली में स्थित है।
पद्मश्री देवी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार 'चंद्रघण्टयां यस्सा: सा अह्लादकारी' यानी चंद्रमा जिसके घण्टे में स्थित हों, उस देवी का नाम चंद्रघण्टा है। भगवती का बीज मंत्र 'हृीं' है। अर्धचंद्र से अलंकृत जो देवी का बीज है, वह सब मनोरथ पूर्ण करने वाला है। इस प्रकार एकाक्षर ब्रह्म का ऐसे यति ध्यान करते हैं, जिनका मन, हृदय शुद्ध है जो नियति के मान्यपूर्ण और ज्ञान के सागर हैं....


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